Gobar Gas: किसान अब खेती के साथ-साथ बायोगैस प्लांट लगाकर भी अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं. सरकार 1 से 6 घन मीटर के बायोगैस प्लांट की स्थापना के लिए 29,000 रुपये तक की सब्सिडी दे रही हैं.
गांवों में Dung को आमतौर पर कंडा बनाने या खेतों में खाद डालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अब वही गोबर बन सकता है आपके लिए बिजली और आमदनी का बेहतरीन साधन। सरकार की योजनाओं और टेक्नोलॉजी की मदद से आज हर किसान Dung से बायोगैस बना सकता है, जिससे खाना भी बनेगा और बिजली भी मिलेगी।
कैसे काम करता है बायोगैस संयंत्र?
बायोगैस संयंत्र में जब Cow Dung और अन्य जैविक कचरा डाला जाता है, तो वह सड़कर गैस बनाता है। इस गैस का उपयोग आप रसोई में खाना पकाने, बिजली बनाने या जनरेटर चलाने के लिए कर सकते हैं। बचा हुआ अपशिष्ट जैविक खाद बन जाता है, जो फसलों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
किसको मिलेगा सबसे ज़्यादा लाभ?
- जिनके पास गाय-भैंस हैं
- छोटे और सीमांत किसान
- डेयरी चलाने वाले लोग
- स्वयं सहायता समूह
योजना के लाभ क्या हैं?
- 40% तक सब्सिडी बायोगैस संयंत्र पर
- हर महीने गैस सिलेंडर की बचत
- फसलों के लिए जैविक खाद मुफ्त
- पर्यावरण की रक्षा
- बिजली उत्पादन की सुविधा
कैसे करें शुरुआत?
- अपने जिले के कृषि विभाग या पंचायत कार्यालय से संपर्क करें
- “राष्ट्रीय बायोगैस संयंत्र योजना” के तहत आवेदन करें
- दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक, और भूमि प्रमाण पत्र साथ रखें
- सब्सिडी मिलने के बाद प्लांट लगवाएं और कमाई शुरू करें