RBI Rule On Minimun Account Balance: बैंक खाता आजकल लगभग हर किसी के लिए आवश्यक हो गया है। सरकारी योजनाओं के लाभ लेने, वेतन प्राप्त करने या अन्य वित्तीय गतिविधियों के लिए बैंक खाता अनिवार्य है। ऐसे में यह समझना बेहद महत्वपूर्ण है कि बैंक खातों से जुड़े नियम और कानून क्या हैं, विशेषकर न्यूनतम बैलेंस से संबंधित।
बैंकों द्वारा लागू किए गए नियम
बैंकों ने अपने खाताधारकों के लिए कुछ नियम निर्धारित किए हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण नियम है न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना। यदि कोई खाता धारक इस न्यूनतम बैलेंस को मेंटेन नहीं करता, तो बैंक उस पर शुल्क लगा सकते हैं।
न्यूनतम बैलेंस के नियम
बैंक खातों में रखी जाने वाली निर्धारित न्यूनतम राशि को न्यूनतम बैलेंस कहा जाता है। यदि किसी खाते में यह न्यूनतम बैलेंस नहीं रखा जाता, तो बैंक उस खाते पर शुल्क लगा सकते हैं, जिसे न्यूनतम बैलेंस शुल्क कहा जाता है।
बैंकों द्वारा निर्धारित न्यूनतम बैलेंस की राशि अलग-अलग हो सकती है। कुछ बैंकों में यह 1,000 रुपये है, तो कुछ में यह 5,000 रुपये है। हालांकि, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस के लिए कोई निश्चित राशि निर्धारित नहीं की है, लेकिन बैंक अपने स्तर पर इस बारे में नियम बना सकते हैं।
क्या बैंक माइनस में कर सकते हैं अकाउंट?
यदि किसी ग्राहक के खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं है, तो बैंक उस पर शुल्क लगा सकते हैं। लेकिन क्या बैंक उस खाते को माइनस या नेगेटिव में डाल सकते हैं? इसका उत्तर है नहीं।
RBI के अनुसार, बैंक ग्राहकों के खातों को माइनस या नेगेटिव में नहीं डाल सकते, भले ही उनके खाते में न्यूनतम बैलेंस न हो। बैंक केवल उतना ही शुल्क वसूल सकते हैं, जितना कि ग्राहक के खाते में कम बैलेंस होता है। यदि शुल्क खाते के बैलेंस से अधिक हो, तो बैंक उस शुल्क को अगले महीने के लिए स्थगित कर सकते हैं, लेकिन खाते को माइनस में नहीं डाल सकते।
RBI के निर्देश
RBI ने 20 नवंबर 2014 को एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि बैंक ग्राहकों को न्यूनतम बैलेंस न रखने पर शुल्क लगाने से पहले उन्हें सूचित करें। साथ ही, बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि शुल्क लगाने से खाते का बैलेंस माइनस न हो।
यस बैंक पर कार्रवाई
हाल ही में, RBI ने यस बैंक पर 91 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, क्योंकि बैंक ने कुछ ग्राहकों के खातों में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर उनके खातों को माइनस में डाल दिया था। यह RBI के नियमों का उल्लंघन था।
बैंक खाता बंद करने पर शुल्क
यदि कोई ग्राहक अपना बैंक खाता बंद करना चाहता है, तो बैंक उससे कोई शुल्क नहीं ले सकते। हालांकि, बैंक उस खाते को बेसिक बैंक खाता में बदल सकते हैं, लेकिन इसके लिए ग्राहक की सहमति आवश्यक है। यदि ग्राहक सहमत नहीं है, तो बैंक उस खाते को बेसिक खाता में नहीं बदल सकते।
निष्कर्ष
RBI के नियमों के अनुसार, बैंक ग्राहकों के खातों को माइनस या नेगेटिव में नहीं डाल सकते, भले ही उनके खाते में न्यूनतम बैलेंस न हो। बैंक केवल उतना ही शुल्क वसूल सकते हैं, जितना कि ग्राहक के खाते में कम बैलेंस होता है। इसलिए, ग्राहकों को अपने खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना चाहिए, ताकि उन्हें अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके।
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